सच्ची दोस्ती की परख

    By davojey865

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    01 Dec, 2024

    राम और श्याम जंगल की पगडंडी पर धीरे-धीरे चल रहे थे। अचानक, एक विशाल भालू उनके सामने आ गया। राम ने फुर्ती से एक पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई, जबकि श्याम जमीन पर लेटकर सांस रोकने लगा। भालू ने श्याम को सूंघा और फिर वहां से चला गया। "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" राम ने पेड़ से उतरते हुए पूछा। "उसने कहा कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुसीबत में साथ देते हैं," श्याम ने उत्तर दिया.

    सुरेश, एक नया दोस्त, उसी जंगल में भटक रहा था। वह राम और श्याम की बातचीत सुन रहा था। सुरेश ने मुस्कुराते हुए कहा, "मुझे लगता है, हमें भालू से निपटने के लिए एक योजना बनानी चाहिए।" राम और श्याम ने उसकी ओर देखा और महसूस किया कि उनके पास अब एक और साथी है जो उनके साथ खड़ा होगा।

    सुरेश ने भालू से निपटने के लिए कुछ उपाय सुझाए। "हम एक फंदा बना सकते हैं या एक सुरक्षित जगह तैयार कर सकते हैं," उसने कहा। राम ने सर हिलाते हुए सहमति जताई, जबकि श्याम ने कहा, "पहले हमें भालू के बारे में और जानकारी जुटानी होगी।"

    तीनों दोस्त अपने योजना के अनुसार जंगल में गहराई तक गए। अचानक, भालू फिर से उनके सामने आ गया। सुरेश ने फुर्ती से एक पत्थर उठाया, और श्याम ने एक लंबी लकड़ी से भालू को दूर रखने की कोशिश की। "सावधान रहो," राम ने कहा, पेड़ से नीचे कूदते हुए।

    भालू आखिरकार हार मानकर वहां से चला गया। तीनों दोस्त थककर एक बड़े पत्थर पर बैठ गए। "हमने मिलकर भालू को भगा दिया," सुरेश ने मुस्कुराते हुए कहा। राम और श्याम ने उसकी पीठ थपथपाई और महसूस किया कि उनकी दोस्ती और भी मजबूत हो गई है।

    "अब हम हमेशा साथ रहेंगे," श्याम ने कहा। राम और सुरेश ने सहमति में सिर हिलाया। तीनों ने हँसते हुए गाँव की ओर कदम बढ़ाए, एक नई शुरुआत की ओर, जहां उनकी दोस्ती का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था।

    सच्ची दोस्ती की परख

    राम और श्याम जंगल की पगडंडी पर धीरे-धीरे चल रहे थे। अचानक, एक विशाल भालू उनके सामने आ गया। राम ने फुर्ती से एक पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई, जबकि श्याम जमीन पर लेटकर सांस रोकने लगा। भालू ने श्याम को सूंघा और फिर वहां से चला गया। "भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" राम ने पेड़ से उतरते हुए पूछा। "उसने कहा कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुसीबत में साथ देते हैं," श्याम ने उत्तर दिया.
    सुरेश, एक नया दोस्त, उसी जंगल में भटक रहा था। वह राम और श्याम की बातचीत सुन रहा था। सुरेश ने मुस्कुराते हुए कहा, "मुझे लगता है, हमें भालू से निपटने के लिए एक योजना बनानी चाहिए।" राम और श्याम ने उसकी ओर देखा और महसूस किया कि उनके पास अब एक और साथी है जो उनके साथ खड़ा होगा।
    सुरेश ने भालू से निपटने के लिए कुछ उपाय सुझाए। "हम एक फंदा बना सकते हैं या एक सुरक्षित जगह तैयार कर सकते हैं," उसने कहा। राम ने सर हिलाते हुए सहमति जताई, जबकि श्याम ने कहा, "पहले हमें भालू के बारे में और जानकारी जुटानी होगी।"
    तीनों दोस्त अपने योजना के अनुसार जंगल में गहराई तक गए। अचानक, भालू फिर से उनके सामने आ गया। सुरेश ने फुर्ती से एक पत्थर उठाया, और श्याम ने एक लंबी लकड़ी से भालू को दूर रखने की कोशिश की। "सावधान रहो," राम ने कहा, पेड़ से नीचे कूदते हुए।
    भालू आखिरकार हार मानकर वहां से चला गया। तीनों दोस्त थककर एक बड़े पत्थर पर बैठ गए। "हमने मिलकर भालू को भगा दिया," सुरेश ने मुस्कुराते हुए कहा। राम और श्याम ने उसकी पीठ थपथपाई और महसूस किया कि उनकी दोस्ती और भी मजबूत हो गई है।
    "अब हम हमेशा साथ रहेंगे," श्याम ने कहा। राम और सुरेश ने सहमति में सिर हिलाया। तीनों ने हँसते हुए गाँव की ओर कदम बढ़ाए, एक नई शुरुआत की ओर, जहां उनकी दोस्ती का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था।