
एक हंसमुख कंगूरा
By ilyashusen54

01 Dec, 2024

एक घने जंगल में, जहां सूरज की किरणें पत्तों के बीच से छनकर ज़मीन पर पड़ती थीं, वहां छोटू नाम का एक हंसमुख कंगूरा रहता था। छोटू हमेशा कुछ नया करने के लिए उत्सुक रहता था, उसकी चंचलता जंगल में मशहूर थी।

छोटू ने एक दिन सोचा कि क्यों न पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की जाए। हालाँकि कंगूरों के लिए यह असामान्य था, लेकिन छोटू के लिए हर नई चीज़ एक चुनौती थी। उसने पेड़ के तने को पकड़ा और धीरे-धीरे ऊपर चढ़ने लगा।

छोटू loses his grip.] जैसे ही छोटू थोड़ा ऊपर चढ़ा, उसका पैर फिसल गया और वह ज़ोर से ज़मीन पर आ गिरा। चारों ओर अचानक सन्नाटा छा गया।

सारे जानवर छोटू की ओर देखने लगे और फिर हंसने लगे। खरगोश ने चुटकी ली, "कंगूरा पेड़ पर चढ़ रहा है, ये तो बहुत मज़ाक है!" छोटू ने खुद को संभाला और मुस्कुराते हुए कहा, "कोशिश करने में ही तो मज़ा है, ना?"

छोटू की बात सुनकर सारे जानवर हंस पड़े और उसके साथ खेलने लगे। वह जान गया था कि असफलता में भी मजा है, और गलतियों से सीखकर ही असली आनंद मिलता है।

छोटू stands determined, looking at the horizon.] उस दिन छोटू ने ठान लिया कि अगली बार वह और भी बेहतर प्रयास करेगा। उसने अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए अपने मन में एक नई चुनौती का सपना देखा।