भोला और दाकूBy SUNIL KORETI

भोला और दाकू
By SUNIL KORETI
Created on 17 May, 2024

भोला, चिरपी और बंटू अक्सर जंगल में घूमने जाते थे। वे खेलते, हँसते और अपनी दोस्ती का आनंद लेते थे।

एक दिन, उन्होंने देखा कि चिरपी ने अपने घोंसले में एक सुंदर सफेद अंडा दिया है। उन सभी को इस बात से बहुत खुशी हुई।

भोला, चिरपी और बंटू ने तय किया कि वे चिरपी के अंडे की देखभाल करेंगे। वे इसे अपनी जिम्मेदारी समझते थे।

एक दिन, जब वे वापस आए, तो उन्होंने देखा कि एक दाकू उनके अंडों को चुरा रहा है। भोला ने तुरंत उसे रोक दिया।

भोला ने दाकू से कहा, 'दाकू भैया, ये अंडे हमारी दोस्त चिरपी के हैं। आप इन्हें चुरा नहीं सकते।'

दाकू ने पहले इनकार किया, लेकिन भोला ने उसे समझाया और अंडों को चुराने से रोकने की कोशिश की।

भोला और दाकू
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