चिंटू की झोल-झालBy keshavpise36

चिंटू की झोल-झाल
By keshavpise36

27 Aug, 2024

चिंटू खुशी-खुशी अपने नये खिलौने के साथ खेल रहा था।

वह अपने खिलौनों को जमकर हिला रहा था और उनसे आवाजें निकलवा रहा था।

श्रीमती शर्मा ने चिंटू को खेलते हुए देखा और उन्होंने उसे खेलने के लिए और सामग्री दी।

चिंटू ने उनकी बात सुनी और वह उत्साहित हो गया। उसने अपनी खेलने की गति बढ़ा दी।

चिंटू ने अब खेलने का तरीका बदल दिया। वह अब खिलौनों को फेंकने लगा।

श्रीमती शर्मा ने चिंटू को ऐसा करते हुए देखा और उन्होंने चिंटू को समझाया कि खिलौने फेंकना गलत है।

चिंटू ने श्रीमती शर्मा की बात सुनी और वह अब खिलौने से सही तरीके से खेलने लगा।

उसने समझा कि खिलौने से प्यार से खेलने में जितना मज़ा है, उतना ही उन्हें फेंकने में नहीं है।

श्रीमती शर्मा ने चिंटू को प्यार से खेलते हुए देखा और उन्हें खुशी महसूस हुई।

चिंटू ने अब समझा कि मेहनत में ही जीत है।