हाथी और चींटीBy narendra singh

हाथी और चींटी
By narendra singh
Created on 19 May, 2024

हाथी बहुत घमंडी था और अपने से छोटे जानवरों को अक्सर तंग करता था। जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे।

एक दिन, एक छोटी सी चींटी अपने भोजन की तलाश में निकली। रास्ते में उसकी मुलाकात हाथी से हो गई।

हाथी ने अपने भारी पैरों से चींटी को कुचलने की कोशिश की, लेकिन चींटी समय रहते बच गई।

चींटी ने सोचा कि उसे हाथी को उसकी गलती का एहसास कराना चाहिए।

चींटी उसके कान में घुस गई और उसे काटने लगी। हाथी दर्द से चिल्लाने लगा और इधर-उधर भागने लगा।

उसने बहुत कोशिश की, लेकिन चींटी को कान से बाहर नहीं निकाल पाया। अंततः उसने हार मान ली और चींटी से माफी मांगने लगा।

चींटी ने कहा, 'अब तुम्हें समझ में आया कि हर किसी का आदर करना चाहिए, चाहे वह छोटा हो या बड़ा।'

हाथी ने वादा किया कि वह अब से किसी को तंग नहीं करेगा और सभी जानवरों का आदर करेगा।

उसके बाद से हाथी किसी को तंग नहीं करता था और वह सभी जानवरों का आदर करता था।

चींटी ने हाथी को सिखाया कि कोई भी छोटा या कमजोर नहीं होता और हर किसी के पास अपनी अलग विशेषताएं होती हैं।

जंगल के सभी जानवर हाथी से खुश थे और उन्हें इसकी उदारता की सराहना की।

चींटी ने अपनी बुद्धिमानी से सबका दिल जीत लिया था और उसने सबको यह सिखाया कि हमें हमेशा सबका आदर करना चाहिए।

हाथी और चींटी
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