
बंदर और मगरमच्छ की कहानी
By Karthickbalaji S

03 May, 2024

एक दिन बंदर और मगरमच्छ ने एक-दूसरे से दोस्ती कर ली। दोनों एक-दूसरे को अपने घर खाना खाने के लिए बुलाते थे।

मगरमच्छ ने बंदर को अपने घर खाने के लिए बुलाया, लेकिन बंदर ने उसे समझाया कि वह पानी में तैर नहीं सकता।

मगरमच्छ ने बंदर को अपनी पीठ पर बैठाकर झील को पार करने का प्रस्ताव दिया। बंदर ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

जैसे ही वे झील के बीच में पहुंचे, मगरमच्छ ने बंदर से कहा कि उसकी पत्नी बंदर का हृदय खाना चाहती है। बंदर ने इसे सुनकर चालाकी दिखाई।

मगरमच्छ ने बंदर को पेड़ पर छोड़ दिया, ताकि वह अपना हृदय ले सके। बंदर ने इसका फायदा उठाया और पेड़ पर चढ़ गया।

बंदर ने मगरमच्छ को धोखा दिया था। वह उसे बताता है कि उसका हृदय उसके अंदर ही होता है, और वह उससे दोस्ती तोड़ देता है।

मगरमच्छ को अपनी गलती का एहसास होता है और वह बंदर से माफी मांगता है। लेकिन बंदर उसे माफ नहीं करता।

इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि हमें कभी भी अपने दोस्तों का विश्वास नहीं तोड़ना चाहिए।