
बुद्धिमान खरगोश और शेर
By Nitish Kanakhara

08 Aug, 2024

एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक शक्तिशाली शेर रहता था। वह जंगल का राजा था और सभी प्राणियाँ उससे डरते थे।

एक दिन, खरगोश ने बाकी प्राणियों से कहा कि हमें शेर को सबक सिखाने की जरूरत है। सभी प्राणियों ने इस पर सहमति जताई।

खरगोश ने शेर के पास जाकर कहा, 'महाराज, अगर आप हमें एक-एक करके खाने का वादा करते हैं, तो हम खुद ही आपके पास आ जाएंगे।' शेर ने खरगोश के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

इस प्रक्रिया का पालन होने लगा और हर दिन एक प्राणी शेर के पास खुद ही चला जाता। लेकिन जब खरगोश की बारी आई, तो उसने एक योजना बनाई।

जब खरगोश देर से पहुंचा, तो शेर ने पूछा, 'तुम देर से क्यों आए?' खरगोश ने जवाब दिया, 'महाराज, मैं रास्ते में एक और शेर से मिला। उसने कहा कि वह इस जंगल का असली राजा है।'

शेर गुस्से में आ गया और बोला, 'मुझे उस शेर के पास ले चलो। मैं देखता हूँ कि वह कौन है।'

खरगोश ने शेर को कुएँ के पास ले गया और बताया कि दूसरा शेर वहीं रहता है। शेर ने कुएँ में झाँककर अपना प्रतिबिंब देखा।

शेर ने सोचा कि कुएँ में वास्तव में एक दूसरा शेर है। उसने गुस्से में कुएँ में कूद गया और डूब गया।

इस तरह, खरगोश की बुद्धिमानी ने जंगल के सभी प्राणियों को शेर के आतंक से मुक्ति दिलाई। सभी प्राणियों ने खरगोश की बुद्धिमानी की प्रशंसा की।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी समस्याओं का सामना करने के लिए बुद्धिमानी और चालाकी का इस्तेमाल करना चाहिए।