
एकता में बल
By rehido3163

26 Mar, 2025

गाँव के लोग अपने रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त थे। बच्चों के खेल-खिलौने की आवाज़ें भी गूँज रही थीं।

गाँव के बीचों-बीच एक सुंदर पीपल का पेड़ था, जो वर्षों से गाँव के लोगों की बैठक का केंद्र रहा था।

गाँव के लोग पीपल के पेड़ के नीचे इकट्ठा हुए। बुजुर्ग लोग चिंतित थे, क्योंकि पानी की कमी से खेती प्रभावित हो रही थी।

रामु काका, जो गाँव के मुखिया थे, ने सबसे कहा, "हमें मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा।"

गाँव के युवा राजू ने सुझाव दिया, "हम सब मिलकर एक नहर बना सकते हैं, जो पास के तालाब से पानी लाएगी।" सभी ने इस सुझाव पर विचार किया, और सभी को यह विचार पसंद आया।

गाँव के लोग अपने-अपने काम छोड़कर नहर बनाने में जुट गए। हर कोई उत्साह से भरा हुआ था।

महिलाएँ खाने-पीने का इंतजाम कर रही थीं, और बच्चे मिट्टी के खिलौने बनाकर खेल रहे थे।

कई दिनों की मेहनत के बाद नहर तैयार हो गई। पानी की धारा देखकर गाँव के लोग खुशी से झूम उठे।

रामु काका ने कहा, "आज हमारी एकता ने हमें यह सफलता दिलाई है।"

गाँव में फिर से हरियाली लौट आई। लोगों ने समझ लिया कि एकता में ही बल है।

उन्होंने पीपल के पेड़ के नीचे एक उत्सव आयोजित किया, जहाँ सभी ने मिलकर इस सफलता का जश्न मनाया।