
परिश्रम का महत्व
By sonam

13 Mar, 2024

एक दिन की बात है जब राजु, एक युवा नौजवान लड़का, किसी कंपनी से इंटरव्यू के लिए बुलावा मिलता है। वह बहुत खुश होता है क्योंकि वह इसकी कड़ी मेहनत के बाद पहुंचता है।

लेकिन उसका खुशी थोड़ी देर के लिए ही रहता है। वह जगह जहां उसे इंटरव्यू देने जाना था, वह उसके घर से बहुत दूर थी। और वह एक गरीब परिवार से होने की वजह से उसके पास उस जगह तक पहुंचने के पैसे नहीं थे।

उसकी आँखों में आँसू आ गये लेकिन वह अपनी मायूसी को दिखाने की बजाय अपनी तकलीफ को अंदर ही अंदर छुपाने का फैसला करता है। राजु दूसरी तरफ अपनी प्रेमिका से बात करने के लिए तैयार हो जाता है।

तभी उसकी नजर एक मंदिर पर पड़ती है जो उसके घर के पास ही था। उसने सोचा कि शायद भगवान की कृपा से कुछ हो सकता है। उसने अपने आप को समझाया और मंदिर की ओर बढ़ गया।

मंदिर में पहुंचने पर वह एक भिखारी को देखता है। भिखारी ने राजु को परेशान देखा और उससे पूछा कि वह क्या मदद कर सकता है।

राजु भिखारी की बात सुनकर थोड़ा आश्चर्यचकित हो गया। वह सोच रहा था कि यह भिखारी खुद मांग कर खा रहा है, यह उसकी क्या मदद कर पाएगा।

लेकिन भिखारी के बार बार पूछने पर, राजु ने उसे अपनी समस्या बता दी। भिखारी ने सुनकर अपना जेब खोला और राजु को कुछ पैसे दिये।

राजु भिखारी के इस कदम से हैरान रह गया। वह उसकी इस मदद को मान्य करने में झिझक रहा था, लेकिन अंत में उसने पैसे ले लिए और उसने भिखारी का धन्यवाद किया।

वह अगले दिन अपने इंटरव्यू के लिए निकल गया। वह बहुत डर रहा था, लेकिन उसने अपनी डर को बहादुरी में बदल दिया।

इंटरव्यू में, राजु ने अपनी पूरी मेहनत और समर्पण से काम किया। उसकी मेहनत और समर्पण ने उसे सफलता दिलाई और वह चयनित हो गया।

राजु के चेहरे पर खुशी की चमक थी। उसने सोचा कि उसे भिखारी के पास वापस जाकर उसके पैसे वापस करने चाहिए।

लेकिन जब वह भिखारी के पास पहुंचा, तो वह देखता है कि वहां एक बड़ी भीड़ जमा हो गई थी। राजु भीड़ के पास गया और देखा कि वही भिखारी वहां लेटा हुआ था।

लोगों ने राजु से कहा कि भिखारी के पास दवा के पैसे नहीं थे और इसलिए उसने अपनी दवाई नहीं ली और वह वहीं मर गया।

यह सुनकर राजु को बहुत दुःख हुआ। वह समझ गया कि भिखारी ने अपनी दवाई के पैसे उसे देकर अपनी जान दे दी थी।

राजु ने भिखारी के लिए प्रार्थना की और उसकी आत्मा को शांति की कामना की। उसने सोचा कि वह अब अपनी जिंदगी में कठिनाइयों का सामना करेगा और कभी भी हार नहीं मानेगा।

राजु ने अपने करियर में आगे बढ़ने का फैसला किया। वह ने अपनी नई नौकरी में समर्पण और समर्पण से काम करने का वचन दिया।

उसने अपने आप को याद दिलाया कि जीवन में हर किसी को कुछ न कुछ बलिदान देना पड़ता है। वह भिखारी की याद में आंसू बहाता है, लेकिन वह अपने आप को समय से पहले नहीं हारने देता।

वह ने समझा कि वह कितना भी गरीब हो, उसके पास हमेशा उसकी मेहनत और समर्पण की शक्ति होती है। और यही शक्ति उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

राजु ने अपने जीवन को समर्पित कर दिया था - उसकी मेहनत, समर्पण और अद्वितीय योगदान को मान्यता देने के लिए। उसने अपने जीवन को एक उदाहरण बनाया, जिसे दूसरे लोग अपने जीवन में लागू कर सकते हैं।

आज राजु एक सफल व्यक्ति है, जो अपने जीवन को दूसरों की मदद करने में समर्पित करता है। उसने हमें यह सिखाया कि जीवन में कठिनाइयां आएंगी, लेकिन हमें उनका सामना करना होगा और अगर हम आगे बढ़ते रहेंगे तो हम अवश्य ही सफलता प्राप्त करेंगे।