
नील माधव की कहानी
By Bibek R

30 Apr, 2024

ओडिशा के नील माधव, जिन्हें जगन्नाथ भी कहा जाता है, की कथा राजा इंद्रद्युम्न के सपने से आरंभ होती है, जिन्हें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा ने आशीर्वाद दिया था।

स्वप्न दर्शन से प्रभावित होकर, राजा इंद्रद्युम्न ने उन देवताओं के लिए मंदिर बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने अपना ध्यान एक धार्मिक यात्रा में स्थानांतरित कर दिया।

वर्षों बाद, राजा इंद्रद्युम्न को एक अजनबी लकड़ी का टुकड़ा मिला, जिसे माना जाता था कि वह स्वयं भगवान विष्णु का अवतारण है।

इस खोज से प्रेरित होकर, राजा ने उस लकड़ी को पवित्र रूपों, जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के रूप में खुदाई करने का आदेश दिया।

राजा ने अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए पुरी में एक शानदार मंदिर का निर्माण किया। यह मंदिर शीघ्र ही क्षेत्र में सबसे पवित्र स्थलों में से एक बन गया।

लोगों ने अपने प्रिय देवता, जगन्नाथ को 'नील माधव' के नाम से जानना शुरू किया, जिसका अर्थ होता है 'प्यारे नीले भगवान'।