
एक गरीब परिवार की कहानी
By RedAlpha

19 Mar, 2024

गांव की एक छोटी सी झोपड़ी में एक गरीब परिवार रहता था। परिवार के सदस्य थे - पिता रामू, माँ श्यामा, और उनके दो बच्चे मुन्ना और गुड़िया। वे अपने छोटे से जीवन में खुश थे, लेकिन गरीबी उनके जीवन को कठिन बना देती थी।

रामू गांव में मजदूरी करता था और श्यामा घर का काम करती थी। मुन्ना और गुड़िया शाम को खेलने जाते थे। वे अपने माता-पिता की मेहनत देखते थे और खुश रहने की कोशिश करते थे।

मुन्ना और गुड़िया को पढ़ाई का बहुत शौक था। वे अपने पिता की कमाई में से थोड़ी-थोड़ी बचत करके खरीदी गई किताबों से पढ़ते थे। वे दोनों जानते थे कि शिक्षा ही उनके जीवन को बेहतर बना सकती है।

एक दिन, मुन्ना और गुड़िया का स्कूल जा रहा था, पर उनके पास स्कूल फीस देने के लिए पैसे नहीं थे। रामू और श्यामा बहुत चिंतित थे।

फिर भी, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने बच्चों के भविष्य के लिए संघर्ष करने का फैसला किया। रामू ने और अधिक मेहनत करने का फैसला किया और श्यामा ने खेती में मदद करने का काम शुरू किया।

उनकी मेहनत रंग लाई। मुन्ना और गुड़िया को स्कूल भेजने के लिए पैसे इकट्ठा हो गए। बच्चों ने अपने माता-पिता की मेहनत को देखा और वे अधिक समर्पित हो गए।

मुन्ना और गुड़िया ने अच्छे अंक प्राप्त किए और उनकी कठिनाईयों के बावजूद, वे हमेशा मुस्कुराते रहे। वे अपने माता-पिता की आशा को निराश नहीं होने दिए।

वर्षों बाद, मुन्ना और गुड़िया बड़े हो गए। मुन्ना ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और गुड़िया ने शिक्षक बनने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने माता-पिता की सच्चाई को समझा और उनकी समर्पण को सम्मानित किया।

वे अब अपने परिवार को समर्थन करने में सक्षम थे और उन्होंने अपने माता-पिता के लिए एक नया घर बनवाया। रामू और श्यामा की आँखों में आंसू थे, लेकिन ये आंसू खुशी के थे।

अंत में, उनका संघर्ष और समर्पण उन्हें उनके सपने साकार करने में मदद करा। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाईयाँ सिर्फ अस्थायी होती हैं, अगर हमारी संकल्पना मजबूत हो, तो हम किसी भी समस्या को पार कर सकते हैं।