
जब साहसी दोस्त एक जंगल में खजाना ढूंढ़ लेते हैं
By Pardeep

21 Mar, 2024

एक सुंदर सुबह थी जब दो साहसी दोस्त, राजू और रवि, अपनी छुट्टी के दिनों में जंगल की यात्रा पर निकले। वे जंगल की खूबसूरती और शांति का आनंद लेना चाहते थे।

जंगल में घूमते हुए, उन्हें एक पुराने और खंडहर हुए मंदिर की ओर आकर्षित किया। मंदिर की दीवारों पर खोज की धुंधली छवियाँ उन्हें आकर्षित कर रही थीं।

मंदिर में घुसते ही, उन्होंने एक अजनबी वस्तु को देखा। यह एक पुराना संदूक था। उन्होंने संदूक को खोलने का फैसला किया।

संदूक खोलते ही, उन्हें अंदर धेर सारे सोने के सिक्के, हीरे और अन्य आभूषण मिले। उन्होंने समझ लिया कि यह एक खजाना है।

राजू और रवि की खुशी का थिकाना नहीं था। लेकिन उन्हें यह भी समझ में आ गया कि यह खजाना उनके लिए बहुत भारी हो सकता है।

उन्होंने तय किया कि वे इसे अपने गांव के मुखिया को दिखाएंगे। उन्होंने संदूक को उठाया और अपने गांव की ओर चल पड़े।

रास्ते में, उन्होंने एक जंगली जानवर की आवाज सुनी। उन्हें डर लगा, लेकिन उन्होंने साहस दिखाया और आगे बढ़े।

वे जंगल की गहराई में जाते जाते, उन्हें एक शेर मिला। शेर ने उन्हें देखा और उनकी ओर दौड़ा।

राजू और रवि ने शेर को देखकर डर के मारे भागना शुरू कर दिया। लेकिन वे शेर से अधिक तेज नहीं दौड़ सकते थे।

तभी रवि ने एक वृक्ष की तरफ इशारा किया और दोनों तेजी से उस पर चढ़ गए। शेर वृक्ष के नीचे घूम रहा था, लेकिन वह उन्हें पकड़ नहीं सका।

वे उस वृक्ष पर कुछ समय तक रहे। जब शेर वहां से चला गया, तो उन्होंने वृक्ष से उतरने का निर्णय लिया और अपनी यात्रा जारी रखी।

इसके बाद, उन्होंने एक और बाधा का सामना किया। एक नदी का रास्ता रोक रही थी जिसे पार करना था।

वे जल्दी से एक छोटी सी नाव बनाने में समय व्यतीत किया और साहसीकर्मी रूप में नदी को पार किया।

नदी को पार करने के बाद, उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखी और अंततः वे अपने गांव पहुंचे।

वे अपने गांव के मुखिया से मिले और उन्हें खजाने की कहानी सुनाई। मुखिया उनकी कहानी सुनकर बहुत प्रभावित हुए।

मुखिया ने उन्हें बधाई दी और उन्हें समाज की सेवा के लिए खजाने का उपयोग करने की सलाह दी।

राजू और रवि ने मुखिया की सलाह मानी और उन्होंने गांव के विकास के लिए खजाने का उपयोग करने का निर्णय लिया।

खजाने की मदद से, उन्होंने अपने गांव में एक स्कूल और एक हॉस्पिटल खोला। गांववाले उनकी उपलब्धि को सराहने लगे।

राजू और रवि की कहानी ने सभी को प्रेरित किया। उन्होंने सबको दिखाया कि साहस और ईमानदारी से कितनी बड़ी चुनौतियां भी पार की जा सकती हैं।

उनकी कहानी ने सबको यह भी सिखाया कि हमें अपनी खोज की वस्तुओं का उपयोग समाज की सेवा में करना चाहिए, न की अपने स्वार्थ के लिए। और इस तरह, राजू और रवि की यात्रा ने उन्हें सिर्फ खजाना नहीं दिया, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी भी समझाई।