
देवर और भाभी की कहानी
By Anita Vemrs

03 Aug, 2024

देवर अपनी भाभी की याद में खोया हुआ था। वह उनकी याद में बगीचे में बैठे हुए फूलों को देख रहा था।

भाभी बगीचे में आई और देवर को खोया हुआ पाया। वह उसे देखकर हंसने लगीं और उसके पास बैठ गईं।

भाभी ने देवर को चिड़ाना शुरू कर दिया और वह उसकी हर बात पर हँसने लगा। वे दोनों खुश लग रहे थे।

देवर ने भाभी को उनकी पसंदीदा फ्लावर दिया और वह उसे खुशी से ले ली। वहां एक गहरी दोस्ती का माहौल छाया हुआ था।

देवर और भाभी ने सूरज को ढलते हुए देखा। वे दोनों चुप थे, लेकिन उनकी आँखों में बहुत कुछ कहा जा रहा था।

देवर ने भाभी की तरफ देखा और उसे मुस्कान करते हुए पाया। वह उसे देखकर खुश हुआ और वह दोनों वहीं बैठे रहे।

देवर ने भाभी को चांद की ओर इशारा किया। वह चांद की ओर देखकर हँसी और देवर को धन्यवाद कहा।

वे दोनों चांदनी में बैठे हुए थे, एक दूसरे की प्रेसेंस का आनंद लेते हुए। वह रात उनके लिए खास बन गई थी।

देवर और भाभी ने एक दूसरे की ओर देखा और सूरज उगते हुए देखा। वे खुश थे कि उन्होंने यह क्षण साथ बिताया।

देवर ने भाभी की हाथ पकड़ा और उसे धन्यवाद कहा। वह उसकी हाँसी पर मुस्करा दिया और वे दोनों खुश लग रहे थे।

देवर ने भाभी का हाथ छोड़ा और उसे विदा किया। वह उसे देखते हुए गया, उसकी आँखों में एक सुखद दुःख था।

भाभी ने देवर को जाते हुए देखा और उसे अलविदा कहा। वह उसे देखती रही, अपने दिल में एक खुशी और दुःख लिए।