अच्छे संस्कार: जीवन का मार्गदर्शन

    By Vikrant Nishad

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    27 Mar, 2025

    गाँव के बीचोबीच एक छोटा स्कूल है जहाँ लक्ष्मी, एक युवा शिक्षिका, बच्चों को अच्छे संस्कारों के महत्व के बारे में बता रही हैं।

    "बच्चों, आज हम अच्छे संस्कारों के बारे में सीखेंगे जो हमें एक अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं,"

    रामु काका, जो गाँव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं, कहते हैं, "बड़ों का सम्मान करना सबसे बड़ा संस्कार है। जब तुम बड़ों की इज़्ज़त करोगे, तब ही तुम जीवन में सफल हो पाओगे।"

    "पिता जी, मैंने आज झूठ बोला ताकि मेरी गलती छुप सके," मोहन ने स्वीकार किया। उसके पिता ने उसे समझाते हुए कहा, "सच्चाई ही सबसे बड़ा धन है।

    हमेशा सच बोलो, यही तुम्हारी सबसे बड़ी ताकत होगी।"

    सीता, जो गाँव की सबसे दयालु महिला मानी जाती हैं, उन बच्चों के लिए कुछ खाने का सामान लेकर आती हैं। "दूसरों की मदद करना और दया दिखाना हमें इंसान बनाता है," वह बच्चों को बताती हैं।

    विजय, जो गाँव के अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं, कहते हैं, "अनुशासन और समय की पाबंदी ही सफलता की कुंजी है। अगर तुम समय का सम्मान करोगे, तो जीवन में कभी असफल नहीं होगे।"

    "शिवा, मुझे माफ कर दो। मैंने बिना सोचे समझे बोल दिया," राधा ने कहा।

    शिवा ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "माफी माँगना और माफ करना दोनों ही महान गुण हैं।"

    अच्छे संस्कार: जीवन का मार्गदर्शन

    गाँव के बीचोबीच एक छोटा स्कूल है जहाँ लक्ष्मी, एक युवा शिक्षिका, बच्चों को अच्छे संस्कारों के महत्व के बारे में बता रही हैं। "बच्चों, आज हम अच्छे संस्कारों के बारे में सीखेंगे जो हमें एक अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं,"
    रामु काका, जो गाँव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं, कहते हैं, "बड़ों का सम्मान करना सबसे बड़ा संस्कार है। जब तुम बड़ों की इज़्ज़त करोगे, तब ही तुम जीवन में सफल हो पाओगे।"
    "पिता जी, मैंने आज झूठ बोला ताकि मेरी गलती छुप सके," मोहन ने स्वीकार किया। उसके पिता ने उसे समझाते हुए कहा, "सच्चाई ही सबसे बड़ा धन है। हमेशा सच बोलो, यही तुम्हारी सबसे बड़ी ताकत होगी।"
    सीता, जो गाँव की सबसे दयालु महिला मानी जाती हैं, उन बच्चों के लिए कुछ खाने का सामान लेकर आती हैं। "दूसरों की मदद करना और दया दिखाना हमें इंसान बनाता है," वह बच्चों को बताती हैं।
    विजय, जो गाँव के अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं, कहते हैं, "अनुशासन और समय की पाबंदी ही सफलता की कुंजी है। अगर तुम समय का सम्मान करोगे, तो जीवन में कभी असफल नहीं होगे।"
    "शिवा, मुझे माफ कर दो। मैंने बिना सोचे समझे बोल दिया," राधा ने कहा। शिवा ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "माफी माँगना और माफ करना दोनों ही महान गुण हैं।"