Loading Your Video

    जादुई साकुरा

    युकी ने अपने घुटनों को गले लगाते हुए उदासी से कहा, "काश मेरे पास एक दोस्त होता..."। अचानक, एक हल्की हवा चली और एक पंखुड़ी चमकने लगी। उसी पल, वह पंखुड़ी एक छोटे लड़के में बदल गई, जिसके बाल पत्तों की तरह हरे थे—सोर, पेड़ की आत्मा! "नमस्ते, युकी! मैंने तुम्हारी इच्छा सुनी," उसने खुशी से कहा। "तुम पेड़ से आए हो?" युकी ने हैरानी से पूछा। "हां, मैं तुम्हारा दोस्त बन सकता हूँ! क्या तुम खेलना चाहोगी?" सोर ने मुस्कुराते हुए कहा।
    युकी ने खुशी से चिल्लाते हुए कहा, "यह अब तक का सबसे अच्छा दिन है!"। तितलियां चारों ओर उड़ रही थीं, और हर कदम पर साकुरा की पंखुड़ियों की बारिश हो रही थी, जैसे कि पूरी प्रकृति उनके साथ खेल रही हो।
    सोर ने मुस्कुराते हुए कहा, "मुझे अब जाना होगा, लेकिन यह पेड़ हमेशा यहाँ रहेगा!"। युकी ने पेड़ को गले लगाते हुए कहा, "फिर मैं हर दिन आऊंगी!"। जब एक पंखुड़ी युकी के हाथों में गिरी, तो वह हल्के से चमक रही थी। उसने मुस्कुराते हुए उसे अपनी हथेली में कसकर पकड़ लिया।
    वह पेड़ के नीचे खड़ी होकर सोच रही थी कि अब से वह कभी अकेली नहीं होगी। युकी ने अपने नए दोस्त के साथ बिताए हसीन पलों को याद किया और पेड़ की ओर देखते हुए धीरे-धीरे घर की ओर बढ़ चली।