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    इबादत का सही अर्थ

    आरिफ अपने घर के आंगन में बैठा था, अपने विचारों में खोया हुआ। उसके कानों में दादी नसीमा की आवाज़ गूंज रही थी, जो उसे हमेशा इबादत के महत्त्व के बारे में बताती थीं। आज वह महसूस कर रहा था कि इबादत सिर्फ नमाज़ पढ़ना नहीं है।
    "दादी, इबादत का असली मतलब क्या है?" आरिफ ने धीरे से पूछा। "बेटा, इबादत का मतलब सिर्फ नमाज़ नहीं होता। यह अल्लाह के हुक्मों का पालन करना, उससे प्यार करना, और उसकी राह पर चलना है," नसीमा ने समझाया।
    आरिफ ने महसूस किया कि कैसे दादी की बातें उसके दिल को छू रही थीं। वह समझ गया कि इबादत में अल्लाह पर विश्वास करना और उसके बताए रास्ते पर चलना भी शामिल है। "तो इबादत का मतलब यह है कि हम अपने हर काम में अल्लाह को शामिल करें?"
    नसीमा ने मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ बेटे, यही असली इबादत है। जब तुम अपने दिल से अल्लाह को याद करते हो, और उसके हुक्मों का पालन करते हो, तभी तुम्हारी इबादत पूरी होती है।"
    आरिफ ने खुद से वादा किया कि वह अपने हर काम में अल्लाह का नाम याद रखेगा और उसकी राह पर चलेगा। उसे अब समझ में आ गया था कि इबादत का मतलब केवल नमाज़ नहीं है, बल्कि प्यार, विश्वास और अल्लाह के हुक्मों का पालन करना है। "मैं अपनी जिंदगी में इस ज्ञान का पालन करूंगा," उसने कहा।