
शेर और चूहे की दोस्ती
By Abhishek Gupta

28 Jul, 2024

वह शेर जंगल का राजा था, सभी जानवर उससे डरते थे। एक दिन वह एक पेड़ के नीचे सो रहा था।
Painting your imagination...
उसी समय, एक छोटा चूहा वहाँ खेलने आ गया और शेर की लंबी पूँछ को देखकर उसे एक रस्सी समझकर खेलने लगा।

शेर की नींद खुल गई और उसने चूहे को अपने पंजे में पकड़ लिया। चूहा बहुत डर गया और बोला, 'महाराज, कृपया मुझे माफ कर दीजिए।'

शेर ने हँसते हुए कहा, 'तुम जैसे छोटे चूहे से मुझे क्या मदद मिलेगी?' लेकिन फिर भी उसने दया दिखाते हुए चूहे को छोड़ दिया।
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कुछ दिनों बाद, शेर जंगल में शिकार के लिए निकला। उसे एक शिकारी के जाल में फंस गया।

चूहा उस दिशा में था और उसने शेर की दहाड़ सुनी। वह तुरंत शेर के पास पहुँचा और देखा कि शेर जाल में फंसा हुआ है।

चूहे ने कहा, 'महाराज, मैं आपकी मदद करूंगा।' चूहे ने अपने तेज दांतों से जाल को कुतरना शुरू कर दिया।
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थोड़ी देर में ही जाल टूट गया और शेर आजाद हो गया। शेर ने चूहे का धन्यवाद किया और कहा, 'तुमने सच में मेरी मदद की। मैं तुम्हारा हमेशा ऋणी रहूँगा।'

इस घटना के बाद शेर और चूहा अच्छे दोस्त बन गए और दोनों ने यह सीख लिया कि चाहे कोई कितना भी छोटा क्यों न हो, उसकी मदद की जरूरत कभी भी पड़ सकती है।

अब वे एक-दूसरे की मदद करते थे और साथ-साथ खेलते थे। उनकी दोस्ती जंगल में मान्यता प्राप्त कर गई थी।

दोनों का सम्मान करते हुए, अन्य जानवर भी उनके साथ खेलने लगे। जंगल में एक नई दोस्ती की कहानी का जन्म हो गया।
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इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर किसी की मदद की कीमत होती है, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो। शेर और चूहे की दोस्ती ने यह साबित किया।