
बूढ़ा फकीर का सफर
By Sanjay Makavana

21 Apr, 2024

लड़का रोज अपने मालिक के घर पर काम करता था। वह खुद के लिए खाना बनाता था, खाता था और सो जाता था।

एक दिन लड़के ने देखा कि एक बूढ़ा फकीर अपनी पीठ पर तीन ठेले लेकर, एक शहर से दूसरे शहर की ओर जा रहा था।

लड़का फकीर की ओर देखकर सोचने लगा कि वह इतना बूढ़ा होने के बावजूद कैसे इतना भार उठा रहा है।

लड़का ने फकीर को बैठते हुए देखा और उसकी ओर चल पड़ा। वह उसे देखकर हैरान रह गया क्योंकि वह ठेले में कुछ नहीं था।

फकीर ने उसे देखकर मुस्कुराया और बोला, 'ये ठेले मेरे सपने हैं, मैं उन्हें अपने साथ लेकर चलता हूँ।'

लड़का फकीर की बातों को समझने की कोशिश कर रहा था। वह समझ गया कि सपने आपको मजबूत बनाते हैं।

फकीर ने उसे कहा, 'तुम्हारे पास भी सपने होंगे, उन्हें खोने नहीं दो, उन्हें अपने साथ ले जाओ।'

लड़का वापस कमरे में जा कर सोचने लगा। वह अपने सपनों के बारे में सोचने लगा और उसका मन खुश हो गया।

वह समझ गया कि वह अपने सपने पूरे करने के लिए काम कर रहा है, वह खुश था कि वह अब अपने सपने को समझ गया था।

अगले दिन, लड़का काम पर गया। वह अब अपने काम को और भी ज्यादा खुशी के साथ कर रहा था।

सेठ ने देखा कि लड़का खुश नजर आ रहा था। उसने लड़के से पूछा कि वह इतना खुश क्यों है।

लड़का ने हंसते हुए कहा, 'मैं अपने सपनों को अब समझता हूँ, और यही मेरी खुशी का राज है।'