
Mahabharat: The Battle of Righteousness
By Storybird

28 Oct, 2023

जब महाभारत की युद्ध घोषणा हुई, तब दोनों पक्षों ने अपनी सेनाओं को संगठित किया। अपने वंशजों के लिए लड़ने की तैयारी में, युद्ध का माहौल था।

महाभारत का युद्ध स्थल कुरुक्षेत्र था। यह एक विशाल मैदान था जिसमें लाखों सैनिकों की सेनाएं लड़ सकती थीं।

दोनों पक्षों के योद्धाओं ने अपने आपको युद्ध के लिए तैयार कर लिया। उन्हें अपने कर्तव्य और धर्म की आवश्यकता थी।

धर्मराज युधिष्ठिर की आँखों में एक गम्भीरता थी। उन्होंने अपने भाई अर्जुन से कहा, "यह युद्ध हमें जीतना होगा, पर धर्म का पालन करते हुए।"

अर्जुन की आँखों में संदेह था। उन्होंने भगवान कृष्ण से उपदेश मांगा। कृष्ण ने अर्जुन को धर्म और कर्तव्य का महत्व समझाया।

युद्ध का दिन आ गया। दोनों सेनाओं ने अपनी ताकत दिखाई और युद्ध हुआ। यह एक उग्र और रक्तरंजित युद्ध था।

अर्जुन और युधिष्ठिर ने अपने धर्म का पालन करते हुए युद्ध किया। वे न्याय और सत्य के लिए लड़ रहे थे।

युद्ध में कई योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए। यह एक आत्मबल की कठिनाई थी जिसमें अर्जुन और युधिष्ठिर ने अपने धर्म को निभाया।

अंत में, पांडवों की विजय हुई। उन्होंने अपने धर्म और कर्तव्य का पालन करते हुए युद्ध जीता।

महाभारत की यह कथा हमें धर्म, सत्य और कर्तव्य के प्रति समर्पण का पाठ सिखाती है। यह एक सच्ची धर्म युद्ध की कथा है।